शनिदेव के विशिष्ठ मंत्र (Shani Dev vishisth mantra)
जप के लिये प्रमुख मंत्र:-
शनिदेवजे की अराधना और उपासना के अंतिम चरण में जपने के लिये निम्नलिखित मंत्र दिये गये हैं । इनमें से किसी भी मंत्र का जप आप अपनी इच्छानुसार कर सकते हैं । सभी का प्रभाव एक जैसा हीं है ।
किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति के लिये इन मंत्रों का तेईस हजार बार जप का विधान है।परंतु इन मंत्रों को सिद्ध करने के लिये बानवे हजार जपा जाता है ।
जप के लिये वैदिक मंत्र:-
इन वैदिक मंत्रों का जप शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिये अराधना-उपासना के अंत में किया जाता है। इनमें से किसी भी मंत्र की आप कम-से-कम एक माला प्रतिदिन अवश्य जपें। वैदिक काल में इन मंत्रों को सिद्ध करने के लिये तेईस हजार बार जपने का विधान वेदों में दिया गया है । लेकिन कलिकाल में चार गुना अर्थात् 92,000 बार जपने पर ये मंत्र सिद्ध होते हैं।